निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर


इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई

इन पंक्तियों में कवि ने भारतीय भूमि की तुलना सीता माँ से की है। कवि का भाव है कि भारत भूमि सीता माँ की तरह पवित्र है। अगर कोई शत्रु रावण की तरह भारतीय भूमि की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश करेगा तो वह उसे रोकने के लिए रक्त से लक्ष्मण रेखाएँ अर्थात् लकीरें खींच देंगे लेकिन शत्रु को हमारे देश की सीमा में घुसने का दुस्साहस नहीं करने देंगे।


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